
A spiritual chant used to focus the mind and invoke blessings. Discover more mantras on Om Mandir App
काली मंत्र
मां भगवती का सातवां शक्ति स्वरूप महाकाली हैं। पौराणिक मान्यताओं की माने तो ‘मां काली’ मां पार्वती का ही उग्र रूप है और भगवान भोलेनाथ की पत्नी हैं। ‘काली मां’ ब्रह्मांड की सभी तरह की बुरी शक्तियों का नाश करती हैं। मां काली को कालरात्रि, भद्रकाली, भैरवी, रुद्रानी, चामुंडा, चंडी, रौद्री और धुमोरना भी कहा जाता है। मां भगवती का यह रूप दुष्टों का नाश करने वाला है और बुराई पर अच्छाई को जीत दिलाने वाला है । धर्म ग्रंथों के अनुसार, मां काली अच्छे कर्म करने वाले लोगों को अच्छे फल प्रदान करती हैं और दुष्टोंन का सर्वनाश करती हैं। इसलिए मां काली को महाकाली भी कहते हैं। मां काली हिंदू धर्म में सबसे अधिक जागृत हैं और उन्होंने पृथ्वी पर चार रूपों में विचरण किया है - दक्षिणा काली, श्मशान काली, मां काली और महाकाली। पंडितों के अनुसार जो भक्त मां काली की सच्चे मन से भक्ति करता है, मां काली उससे प्रसन्न होकर खूब आशीर्वाद देती हैं और उसके कष्ट हर लेती हैं। मां काली के मंत्रों का जाप सुबह के समय किया जा सकता है। लेकिन सूर्यास्त के कुछ घंटे बाद इन मंत्रों का जाप करना अधिक लाभकारी है। काली मंत्र का जाप अमावस्या के दिन किया जाना ज्यादा लाभकारी होता है।
पौराणिक कथाओं की माने तो ब्रह्मा जी का वरदान प्राप्त दारुक नाम के असुर का देवी-देवताओं पर अत्याचार बढ़ गया था। दारुक का अत्याचार बढ़ने पर सभी देवता भगवान विष्णु के पास मदद मांगने गए। भगवान विष्णु ने देवताओं को दारुक के वध का उपाय बताया कि दारुक राक्षस का अंत कोई स्त्री ही कर सकती है। इसके बाद सभी देवता भगवान शिव के पास पहुंचे। देवताओं की प्रार्थना सुन भगवान भोलेनाथ ने मां पार्वती से इसका समाधान निकालने को कहा। भगवान शिव का अनुरोध सुन माता पार्वती ने अपना एक अंश प्रकट किया। इसके बाद मां भगवती, देवी काली के रूप परिवर्तित हो गईं। जब भगवान शिव ने खुद में मां काली को महसूस किया, तब उन्होंने अपनी तीसरी आंख खोली। इसके बाद देवी काली प्रकट हुईं। वह अपने कालरात्रि रूप में थीं। मां काली की केवल गुंजन से ही दारुक सहित समस्त असुर सेना जलकर राख हो गई।
हिंदू धर्म में, देवी काली को मुख्य तौर पर दो रूपों में चित्रित किया गया है और उसी रूप को पूजा जाता है। पहला 4 भुजाओं वाला रूप है। दूसरा, 10 भुजाओं वाला रूप है, जिसे महाकाली के नाम से भी जाना जाता है।
चतुर्भुज रूप मां काली का शांत स्वरूप है। मां का ये स्वरूप दुष्टों के संहार के बाद का है। इस रूप में मां काली की आंखें लाल रंग की हैं, जो क्रोध को दर्शाती हैं। उनके बाल बिखरे हुए दिखाई देते हैं और उनकी जीभ बहार की और है। मां काली, ने कटे हाथों से बनी वस्त्र धारण किए हुए हैं और गले में खोपड़ी की एक माला पहने हुए हैं । उनके चारों हाथों में तलवार, त्रिशूल हैं। एक में कटा हुआ सिर और एक में खून से भरी प्याली है।
मां काली का 10 भुजाओं वाला स्वरूप महाकाली का रूप है। महाकाली दस भुजाओं वाले रूप में दस मुख, दस पैर और उनके प्रत्येक मुख पर तीन आंखें हैं। उनके प्रत्येक हाथ में विभिन्न वस्तु है, जो देवताओं की शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। इस शक्ति को महाकाली के हथियारों के रूप में दर्शाया गया है। निहितार्थ यह है कि महाकाली उन शक्तियों के लिए जिम्मेदार हैं, जो इन देवताओं के पास हैं। इसका अर्थ यह है कि महाकाली ब्रह्म के समान हैं।
1. काली बीज मंत्र || ॐ क्रीं काली || अर्थ- हे काली मां मेरे कष्टों का अंत करें और मुझे खुशहाल जीवन दें। आपको मेरा नमन है।
2. काली मंत्र || ॐ क्रीं कालिकायै नमः || अर्थ - काली मां के इस मंत्र का उपयोग काली माता के प्रतिनिधित्व के लिए किया जाता है। यह मंत्र काफी सरल है और इसके उच्चारण से चेतना शुद्ध होती है।
3. महा काली मंत्र || ॐ श्री महा कलिकायै नमः || अर्थ - मां काली मैं आपको शीश झुका कर प्रणाम करता हूं। आपको नमन करता हूं। मेरे सारे कष्ट खत्म करें।
4. कालिका-यी मंत्र || ॐ कलिं कालिका-य़ेइ नमः || अर्थ – मां काली की जय हो। आप हमें अधिक सचेत और व्यावहारिक होने का आशीर्वाद दो। आप हमें बुद्धिमान बनाओ।
सभी सुखदायक आरती सुनने के लिए केवल Om Mandir पर