चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी, जग को तारो भोली माँ जन को तारो भोली माँ, काली दा पुत्र पवन दा घोड़ा ॥ भोली माँ ॥
सिन्हा पर भाई असवार, भोली माँ, चिंतपूर्णी चिंता दूर ॥ भोली माँ ॥ एक हाथ खड़ग दूजे में खांडा, तीजे त्रिशूल सम्भालो, ॥ भोली माँ ॥
चौथे हाथ चक्कर गदा, पाँचवे-छठे मुण्ड़ो की माला, ॥ भोली माँ ॥ सातवे से रुण्ड मुण्ड बिदारे, आठवे से असुर संहारो, ॥ भोली माँ ॥
चम्पे का बाग़ लगा अति सुन्दर, बैठी दीवान लगाये, ॥ भोली माँ ॥ हरी ब्रम्हा तेरे भवन विराजे, लाल चंदोया बैठी तान, ॥ भोली माँ ॥
औखी घाटी विकटा पैंडा, तले बहे दरिया, ॥ भोली माँ ॥ सुमन चरण ध्यानु जस गावे, भक्तां दी पज निभाओ ॥ भोली माँ ॥